अंतर्मन - Antarman
Tuesday, August 23, 2016
अपनी हसरत को मेरी, हसरतों का नाम ना दे
अपनी हसरत को मेरी, हसरतों का नाम ना दे
पीने दे आखों से , हाथों में मेरे ज़ाम ना दे,
प्यार एहसास है दिल, का कोई मज़बूरी नही,
प्यार को प्यार ही रहने दे, कोई नाम ना दे
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